B.Com. Semester-V Goods and Services Tax - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2807
आईएसबीएन :0

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बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 25 के अधीन पंजीकरण प्रक्रिया समझाइये।

अथवा
माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत पंजीयन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017
की धारा 25 के अधीन पंजीयन प्रक्रिया
(Procedure for Registration under Section 25 of the
Central Goods and Services Tax Act, 2017)

केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 25 के अधीन पंजीयन प्रक्रिया का विवेचन निम्नलिखित हैं-

1. पंजीयन हेतु आवेदन देना (Applying for Registration) - ऐसा प्रत्येक व्यक्ति जो केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 22 अथवा 24 के अधीन पंजीयन हेतु अनिवार्य रूप से दायी हो निम्नलिखित कदम उठायेगा

पंजीयन हेतु दायी होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर पंजीयन हेतु आवेदन देना,

आवेदन उस राज्य अथवा संघशासित राज्य में देना जहाँ वह पंजीयन हेतु दायी हो। उल्लेखनीय है कि आकस्मिक कराधेय व्यक्ति अथवा अनिवासी कराधेय व्यक्ति व्यवसाय आरम्भ होने से कम से कम 5 दिन पूर्व पंजीयन हेतु आवेदनपत्र देगा।

एक ऐसा व्यक्ति जिसके लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अधीन पंजीयन कराये, लेकिन यदि वह चाहे तो स्वेच्छा से माल एवं सेवा कर के अधीन पंजीयन करा सकता है। ऐसा पंजीयन करा लेने पर माल एवं सेवा कर विधान के सभी प्रावधान उस पर उसी भाँति लागू होंगे जैसे अन्य पंजीयत व्यक्तियों पर प्रभावशील होते हैं।

यहाँ यह बात विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है कि कोई व्यक्ति जब स्वेच्छा से पंजीयन कराता है तो भले ही उसका कुल टर्नओवर निर्धारित सीमा से ज्यादा न हो लेकिन उसे कर का भुगतान करना होगा।

2. एकल अथवा बहुसंख्यक पंजीयन (Single or Multiple Registration) - प्रावधान किया गया है कि व्यक्ति का राज्य अथवा संघशासित राज्य में एक ही पंजीयन होगा।

परन्तु किसी राज्य अथवा संघशासित राज्य में कई व्यावसायिक प्रकल्प वाला व्यक्ति निर्धारित

शर्तों के अधीन प्रत्येक व्यावसायिक प्रकल्प हेतु पृथक-पृथक पंजीयन करा सकता है।

प्रत्येक ऐसा व्यक्ति जिसके द्वारा एक राज्य अथवा संघशासित राज्य अथवा एक से ज्यादा राज्यों अथवा संघशासित राज्यों में एक से ज्यादा पंजीयन कराए हों, तो उसे ऐसे पंजीयनों के बारे में पृथक- पृथक व्यक्ति समझा जायेगा।

उदाहरण - (Example) X का पंजीयत मुख्य कार्यालय उत्तर प्रदेश में है तथा पंजीयत शाखा अहमदाबाद में है। उत्तर प्रदेश तथा गुजरात में पंजीयन के बारे में X को पृथक-पृथक व्यक्ति समझा जायेगा।

यहाँ कुछ ध्यान देने योग्य बातें निम्नलिखित हैं-

यदि व्यवसाय की भिन्न-भिन्न राज्यों में कई शाखाएँ हो, तो इसे प्रत्येक शाखा हेतु प्रत्येक राज्य में पंजीयन कराना होगा।

पंजीयन कराने के इच्छुक व्यक्ति को एक राज्य अथवा संघशासित राज्य में एकल पंजीयन की अनुमति दी जायेगी। यदि किसी व्यक्ति के एक राज्य या संघशासित राज्य में कई व्यावसायिक स्थान हो, तो उसे ऐसे प्रत्येक स्थान हेतु एक पृथक पंजीयन की अनुमति दी जा सकेगी।

यदि कोई व्यक्ति अपने किसी एक पंजीयत व्यवसाय के स्थान से किसी अन्य पंजीयत व्यवसाय के स्थान के राज्य में या राज्य के बाहर आपूर्ति कर रहा हो तो ऐसी आपूर्ति को इसके कुल टर्नओवर में सम्मिलित किया जायेगा।

यदि व्यवसाय का कोई एक पंजीयत स्थान सामान्य उगाही (धारा 9) के अधीन कर चुका रहा हो, तो व्यवसाय के अन्य स्थान को संघटन उगाही (Composition Levy) धारा [10] अधीन कर भुगतान हेतु पंजीयन की आज्ञा नहीं दी जा सकेगी।

जब कोई पंजीयक व्यवसाय का स्थान संघटन उगाही के अधीन कर के भुगतान के अयोग्य हो जाय तो अन्य सभी व्यवसाय के स्थान भी स्वतः आयोग्य हो जाते हैं।

 पैन की आवश्यकता (PAN is Mandatory) - माल एवं सेवा कर के अधीन पंजीयन कराने वाले व्यक्ति के पास स्थायी खाता संख्या का होना आवश्यक है। परन्तु यदि कोई व्यक्ति धारा 51 के अधीन कटौती हेतु दायी हो, तो वह आयकर अधिनियम, 1961 के अधीन निर्गमित कर कटौती एंव संग्रह खाता संख्या के आधार पर माल एवं सेवा कर में पंजीयन करा सकता है।

उल्लेखनीय है कि अनिवासी व्यक्ति को पासपोर्ट की स्व-प्रमाणित प्रति के साथ अपने प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा (जो भारतीय निवासी हो तथा जिसके पास पैन हो) हस्ताक्षरित आवेदन देना होगा।

4. आवेदन कैसे करें (How to Apply) - अनिवार्यतया अथवा ऐच्छिक रूप से पंजीयन कराने वाले को माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत पंजीयन प्रमाणपत्र पाने के लिए आवेदन देने हेतु निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी-

(i) माल एवं सेवा कर फार्म REG-01 के भाग A में सूचना (Information in Part A of Form Goods and Services Tax REG-01) - पंजीयन कराने वाले को अपना पैन, मोबाइल नम्बर, ई-मेल पता, राज्य या संघशासित राज्य की जानकारी जी.एस.टी. फॉर्म REG-01 में देनी होती है।

(ii) सत्यापन (Verification) - उपरोक्त सूचनाएँ कॉमन पोर्टल पर सत्यापित की जायेंगी-

(a) स्थायी खाता संख्या की जाँच केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के डेटाबेस से ऑनलाइन की जायेगी।

(b) मोबाइल नम्बर को उसी मोबाइल पर भेजे गए वन टाइम पासवर्ड (OTP) के माध्यम से सत्यापित किया जाता है।

(c) ई-मेल पता को उसी ई-मेल पते पर भेजे गए वन टाइम पासवर्ड (OTP) से सत्यापित किया जाता है।

(iii) अस्थायी संदर्भसंख्या निर्गत किया जाता (Issuance of Temporary Reference Number) - अब एक अस्थायी संदर्भ संख्या आवेदक के ई-मेल पते तथा मोबाइल नम्बर पर भेजी जाती है।

(iv) माल एवं सेवा कर फॉर्म REG - 01 के भाग B में आवेदन देना (Filling on Application in Part B of Form GST REG-01) - आवेदनकर्ता द्वारा माल एवं सेवा कर फॉर्म REG-01 के भाग B में इलैक्ट्रॉनिक रूप से आवेदन करना होता है। यह प्रपत्रों के साथ हस्ताक्षरित अथवा इलैक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड के माध्यम से सत्यापित होता है।

(v) स्वीकृति की सूचना देना (Giving Acknowledgement) - अब आवेदनकर्ता को जी. एस. टी. फार्म REG-02 में स्वीकृति की सूचना दी जायेगी। यह सूचना इलैक्ट्रॉनिक रूप में दी जाती है।

(vi) पंजीयन (Registration) - उचित अधिकारी द्वारा आवेदनपत्र तथा प्रपत्रों की जाँच की जाती है। यदि इन्हें ठीक पाया जाय तो आवेदन प्रस्तुत किये जाने की तिथि से 3 दिनों के भीतर पंजीयन कर दिया जाता है।

(vii) सूचनाएँ तथा स्पष्टीकरण देने के लिए कहना (Calling for Information and Explanation) - यदि आवेदनपत्र के साथ वाँछनीय सूचनाएँ एवं प्रपत्र न हो अथवा इनमें कमियाँ हों, तो सूचना अथवा प्रपत्र के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण देने को कहा जा सकता है।

(a) आवेदन दिये जाने के 3 कार्यदिवसों में माल एवं सेवा कर फॉर्म REG-03 में इलैक्ट्रॉनिक रूप से सूचना जारी की जायेगी। सूचना मिलने के 7 कार्यदिवसों में आवेदक माल एवं सेवा कर फार्म REG-04 में इलैक्ट्रॉनिक रूप से स्पष्टीकरण / जवाब / प्रपत्र देगा।

(b) अब यदि उचित अधिकारी सन्तुष्ट हो, तो वह 7 कार्यदिवसों में आवेदक का पंजीयन करेगा। 

(c) यदि आवेदक द्वारा सूचना/ प्रपत्र नहीं दिये जाते अथवा आवेदक की सूचना / जवाब / प्रपत्रों से उचित अधिकारी असन्तुष्ट है, तो ऐसा आवेदन अस्वीकृत कर दिया जायेगा तथा अस्वीकृति के कारण भी बताए जायेंगे। अस्वीकृति की सूचना माल एवं सेवा कर फॉर्म REG-05 में इलैक्ट्रॉनिक रूप से दी जायेगी।

(d) यदि आवेदन जमा किये जाने की तिथि से 3 कार्यदिवसों में अथवा सूचना / स्पष्टीकरण/ प्रपत्र जमा किए जाने के 7 कार्यदिवसों में उचित अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं करता, तो पंजीयन हेतु दिए गये आवेदनपत्र को अनुमोदित हुआ माना जाता है।

ऐसी दशा में पंजीयन संख्या भेजी जायेगी तथा 3 कार्यदिवस / 7 कार्यदिवस के समाप्त हो जाने पर पंजीयन प्रमाणपत्र को कॉमन पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया जायेगा।

(viii) पंजीकरण प्रमाणपत्र का निर्गमन (Issuance of Registration Certificate) - पंजीयन हेतु आवेदन स्वीकृत हो जाने पर आवेदनकर्ता को माल एवं सेवा कर फार्म REG-06 में पंजीयन प्रमाणपत्र को कॉमन पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाता है। इस प्रमाणपत्र में निम्नलिखित बाते होती हैं-

• व्यवसाय के प्रमुख स्थान,
• व्यवसाय के अतिरिक्त स्थान,
• माल एवं सेवा कर की पहचान संख्या (GSTIN)।

GSTIN में 15 अक्षर निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-

(i) राज्य कोड हेतु दो अक्षर,
(ii) पैन अथवा कर कटौती एवं संग्रह खाता संख्या हेतु 10 अक्षर,
(iii) इकाई कोड हेतु दो अक्षर,
(iv) एक चैक सम अक्षर।

पंजीयन का प्रमाणपत्र उचित अधिकारी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड के माध्यम से हस्ताक्षरित/सत्यापित होना चाहिए।

पंजीयन प्रक्रिया सम्बन्धी उपरोक्त प्रावधान निम्नलिखित के सम्बन्ध में लागू नहीं होते-

(i) कोई अनिवासी कराधेय व्यक्ति,

(ii) केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम की धारा 15 के अधीन उद्गम स्थान पर कर की कटौती करने हेतु दायी व्यक्ति।

(iii) केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम की धारा 52 के अधीन स्रोत पर संग्रह करने हेतु दायी व्यक्ति,

(iv) एकीकृत माल एवं सेवा कर अधिनियम की धारा 14 में वर्णित भारत से बाहर कहीं से ऑनलाइन सूचना एवं डाटाबेस पहुँच अथवा पुनर्प्राप्ति (OIDAR) सेवाओं के गैर-करयोग्य ऑनलाइन प्राप्तकर्ता को आपूर्तियाँ करने वाला व्यक्ति।

विशेष आर्थिक क्षेत्र में इकाई रखने वाला एक व्यक्ति अथवा ऐसे क्षेत्र के विकासकर्ता की यदि इस क्षेत्र के बाहर कोई अन्य इकाईयाँ हो, तो ऐसी इकाइयों के बारे में उसे पंजीयन कराने हेतु पृथक आवेदन देना होगा। इसी प्रकार एक ऐसा व्यक्ति जो इनपुट सेवा का वितरक है उसे इनपुट सेवा वितरक के रूप में पंजीयन करवाने के लिए पृथक रूप से आवेदन देना होगा।

5. पंजीयन के प्रभावशील होने की तिथि (Effective Date of Registration) - पंजीयन के प्रभावशाली होने की सूचना तिथियों के बारे में प्रावधान निम्नलिखित हैं-

(i) जब कोई व्यक्ति पंजीयन हेतु दायी होने की तिथि से 30 दिनों में आवेदन देता है, तो ऐसा पंजीयन उस तिथि से प्रभावशील माना जायेगा जिस तिथि पर व्यक्ति पंजीयन हेतु दायी हो।

(ii) यदि व्यक्ति 30 दिनों की अवधि के बाद आवेदन देता है, तो ऐसा पंजीयन उस तिथि से क्रियाशील होगा जिस तिथि पर पंजीयन प्रदान किया गया हो।

6. उचित अधिकारी द्वारा पंजीयन (Registration by the Proper Officer) - यदि पंजीयन कराने वाला व्यक्ति पंजीयन कराने में सफल न हो, तो उचित अधिकारी निम्नलिखित रीति से पंजीयन कर सकता है

(i) यदि पूछताछ, निरीक्षण, सर्वेक्षण आदि से उचित अधिकारी को ज्ञात हो कि माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत पंजीयन हेतु दायी व्यक्ति पंजीयन आवेदनपत्र फाइल नहीं कर सका है, तो उचित अधिकारी द्वारा उसका अस्थायी पंजीयन किया जा सकता है। यह पंजीयन आदेश की तिथि से लागू होगा।

(ii) अस्थायी पंजीयन प्राप्त करने वाले व्यक्ति को पंजीयन की तिथि से 90 दिनों के भीतर पंजीयन हेतु आवेदन देना होगा। इस पर सत्यापन एवं पंजीयन प्रमाणपत्र दिए जाने से सम्बन्धित प्रावधान लागू होंगे।

7. विशिष्ट पहचान संख्या (Unique Identity Number) - विशिष्ट पहचान संख्या संयुक्त राष्ट्र संघ के निकायों विदेशी दूतावासों, वाणिज्यिक दूतावासों तथा अधिसूचित अन्य वर्ग के व्यक्ति को प्राप्त करना आवश्यक है। इसे माल एवं सेवा कर पोर्टल से प्राप्त किया जा सकता है।

राज्य कर प्राधिकरणों द्वारा राज्य प्राधिकरणों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को विशिष्ट पहचान संख्या जारी की जायेगी, वशर्ते कि ये अन्तर्राज्यीय क्रय करते हो लेकिन वस्तुओं की बाह्य आपूर्ति न करते हों। इन्हें पंजीयन की आवश्यकता नहीं होगी।

विशिष्ट पहचान संख्या की आवश्यकता माल अथवा सेवाओं या दोनों की आपूर्ति पर भुगतान किए गए कर की वापसी के दावे के लिए होती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- कर का आशय तथा प्रकार बताइये। अप्रत्यक्ष कर क्या होता है? क्या माल एवं सेवा कर भारत में पहले लागू अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का उपचार है?
  2. प्रश्न- भारत में पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की उन कमियों को बताइये जिन्होंने माल एवं सेवा कर व्यवस्था को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
  3. प्रश्न- स्पष्ट कीजिए कि माल एवं सेवा कर पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के दोषों का उपचार है।
  4. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की अवधारणा समझाइये। इसकी आवश्यकता तथा उद्देश्य क्या हैं?
  5. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की आवश्यकता तथा उद्देश्य बताइए।
  6. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
  7. प्रश्न- भारत में माल एवं सेवा कर इतिहास / पृष्ठभूमि समझाइये।
  8. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत निम्नलिखित पदों को परिभाषित कीजिए -
  9. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क के उद्देश्य क्या हैं?
  11. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क के लक्षण बताइये।
  12. प्रश्न- जी.एस.टी. नेटवर्क के क्या कार्य है?
  13. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद की संरचना तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
  15. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद के कार्यों को बताइए।
  16. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद की सभाओं के बारे में लिखिए।
  17. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के व्यापार, विनिर्माण, सेवा आदि क्षेत्रों पर प्रभाव बताइये।
  18. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के निम्नांकित पर प्रभाव बताइये। (a) सेवाप्रदाताओं पर (b) उपभोक्ताओं पर (c) केन्द्रीय सरकार पर (d) राज्य सरकारों पर
  19. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के देश पर तथा विशिष्ट क्षेत्रों पर प्रभाव बताइये।
  20. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के समग्र प्रभाव बताइये।
  21. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के उद्ग्रहण को समझाइये।
  22. प्रश्न- जी.एस.टी. नेटवर्क की सेवाएँ बताइए। इस नेटवर्क के द्वारा करदाता कौन-सी सूचनाएं देते हैं?
  23. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के अधीन कर के भुगतान के लिए कौन दायी होता है?
  24. प्रश्न- जी एस टी के लाभ-हानियों का उल्लेख करें-
  25. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत आपूर्ति से आपका क्या आशय है? इसके क्षेत्र को विस्तारपूर्वक समझाइये।
  26. प्रश्न- आपूर्ति के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  27. प्रश्न- 'संयुक्त आपूर्ति' व प्रमुख आपूर्ति तथा 'मिश्रित आपूर्ति का आशय बताइये। इनमें अन्तर तथा कर दायित्व का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- संयुक्त आपूर्ति पर करदेयता को बताइए।
  29. प्रश्न- मिश्रित आपूर्ति का आशय बताइए।
  30. प्रश्न- मिश्रित आपूर्ति की दशा में करदेयता बताइए।
  31. प्रश्न- संयुक्त आपूर्ति तथा मिश्रित आपूर्ति में अन्तर बताइये।
  32. प्रश्न- आपूर्ति का समय क्या होता है? आपूर्ति के समय पर माल एवं सेवा कर की दरों में परिवर्तन का प्रभाव बताइये।
  33. प्रश्न- माल की आपूर्ति का समय बताइए।
  34. प्रश्न- सेवाओं की आपूर्ति का समय बताइये।
  35. प्रश्न- आपूर्ति के समय पर माल एवं सेवा कर की दरों में परिवर्तन का प्रभाव बताइए।
  36. प्रश्न- आपूर्ति का मूल्य क्या है? इसकी गणना के सम्बन्ध में सामान्य नियम बताइए।
  37. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य के लक्षण बताइए।
  38. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य की गणना के सम्बन्ध में सामान्य नियम बताइये।
  39. प्रश्न- कम्पोजीशन योजना की विशेषताएँ तथा लाभ व हानियाँ बताइए।
  40. प्रश्न- कम्पोजीशन योजना की हानियाँ बताइए।
  41. प्रश्न- आपूर्तिकर्ता तथा प्राप्तकर्ता का स्थान भारत में होने की दशा में सेवाओं की आपूर्ति का स्थान समझाइये।
  42. प्रश्न- सेवाओं की आपूर्ति का स्थान बताइये यदि आपूर्तिकर्ता का स्थान अथवा प्रापक का स्थान भारत के बाहर हो।
  43. प्रश्न- सम्बन्धित व्यक्ति, भिन्न व्यक्ति तथा परिवार में कौन शामिल है?
  44. प्रश्न- वे गतिविधियाँ या लेनदेन बताइये जिन्हें न तो माल की आपूर्ति और न ही सेवा की आपूर्ति के रूप में माना जायेगा।
  45. प्रश्न- अन्तर्गमन तथा बहिर्गमन आपूर्तियाँ क्या होती हैं?
  46. प्रश्न- माल अथवा सेवाओं अथवा दोनों की आपूर्ति का स्थान समझाइये।
  47. प्रश्न- भिन्न अथवा सम्बन्धित व्यक्तियों के मध्य आपूर्ति के मूल्य निर्धारण के नियम बताइये।
  48. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य निर्धारण हेतु निम्नलिखित के बारे में नियम बताइये - एजेण्ट के माध्यम से आपूर्ति
  49. प्रश्न- प्रमुख करमुक्त सेवाओं को बताइये।
  50. प्रश्न- प्रमुख करमुक्त माल की सूची बनाइए।
  51. प्रश्न- निम्नांकित सेवाओं के बारे में माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत प्रदत्त करमुक्ति के प्रावधान बताइये- (a) पुण्यार्थ संस्थान द्वारा सेवा, (b) सरकार द्वारा सेवा, (c) धार्मिक सेवा।
  52. प्रश्न- लघु आपूर्तियों पर टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट का आशय क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
  54. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट की विशेषताएँ बताइये।
  55. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता के लिए क्या शर्तें निर्धारित की गयी हैं? उनका वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट को प्राप्त करने हेतु शर्तें बताइए।
  57. प्रश्न- केन्द्रीय माल तथा सेवाकर अधिनियम, 2017 की धारा 17 के अन्तर्गत जिन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध नहीं होती है, उनके बारे में बताइये। क्रेडिट विभाजन के बारे में समझाइये।
  58. प्रश्न- क्रेडिट विभाजन सम्बन्धी प्रावधान बताइये।
  59. प्रश्न- सेवा वितरक से आप क्या समझते हैं? इसके द्वारा क्रेडिट का वितरण समझाइये।
  60. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक द्वारा क्रेडिट का वितरण समझाइये।
  61. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत कर के भुगतान की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। माल तथा सेवाकर भुगतान प्रक्रिया के प्रमुख लक्षण लिखिए।
  62. प्रश्न- कर भुगतान के प्रमुख लक्षण बताइये।
  63. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत करों के भुगतान हेतु रखे जाने वाले विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों को समझाइए।
  64. प्रश्न- इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर को समझाइए।
  65. प्रश्न- इलेक्ट्रॉनिक दायित्व रजिस्टर के बारे में बताइए।
  66. प्रश्न- करदाता को कितने प्रकार के रिफण्ड (धन वापसी) उपलब्ध होते हैं? रिफण्ड के दावे की प्रक्रिया समझाइये।
  67. प्रश्न- रिफण्ड के दावे की प्रक्रिया समझाइए।
  68. प्रश्न- अन्यायपूर्ण संवर्धन का सिद्धान्त क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइए।
  69. प्रश्न- उपभोक्ता कल्याण कोष को समझाइए।
  70. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत स्रोत पर कर की कटौती के बारे में क्या व्यवस्था की गई है?
  71. प्रश्न- स्रोत पर कर संग्रह के बारे में लिखिए।
  72. प्रश्न- विवरणी से आप क्या समझते हैं? इसके उद्देश्य बताइए। माल एवं सेवा कर विधान के अधीन विवरणियों को फाइल करने के लिए कौन उत्तरदायी है तथा किसे मुक्ति दी गयी है?
  73. प्रश्न- विवरणियों के उद्देश्य बताइए।
  74. प्रश्न- विवरणियों के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों को बताइए।
  75. प्रश्न- "विवरणी फाइल करने के माध्यम तथा विवरणियों के प्रकार बताइए। बहिर्गमन आपूर्ति तथा अन्तर्गमन आपूर्ति के विवरण प्रस्तुतीकरण को समझाइए।
  76. प्रश्न- बहिर्गमन आपूर्तियों के विवरण प्रस्तुतीकरण को स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- अन्तर्गमन आपूर्तियों के विवरण प्रस्तुतीकरण को बताइए।
  78. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर अथवा जी एस टी व्यवसायी कौन होता है? इसके पात्रता मानदण्ड बताइए। इसके सम्बन्ध में अनुमोदन की रीति, गतिविधियाँ, शर्ते तथा विवरण के ठीक होने के उत्तरदायित्व के बारे में लिखिए।
  79. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर हेतु अनुमोदन प्रक्रिया क्या है? माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर की गतिविधियाँ बताइये।
  80. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर हेतु शर्तें क्या है? विवरण के ठीक होने के सम्बन्ध में इसका उत्तरदायित्व बताइए।
  81. प्रश्न- जी एस टी आर-3 में मासिक विवरणी का प्रस्तुतीकरण बताइये।
  82. प्रश्न- वार्षिक विवरणी क्या होती है? बताइए।
  83. प्रश्न- अन्तिम विवरणी के बारे में बताइए। विवरणी फाइल करने में चूक करने वालों को सूचना देने तथा विलम्ब शुल्क की उगाही के बारे में क्या व्यवस्था की गयी है?
  84. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अधीन किस प्रकार के व्यक्ति पंजीकरण कराने के लिए दायी होते हैं? समझाइये।
  85. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 24 के अधीन कौन से व्यक्तियों को पंजीयन कराना आवश्यक है?
  86. प्रश्न- अन्य मामलों में पंजीयन हेतु कौन दायी है?
  87. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 25 के अधीन पंजीकरण प्रक्रिया समझाइये।
  88. प्रश्न- पंजीयन के विशिष्ट मामलों का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- अनिवासी कराधेय व्यक्ति को परिभाषित कीजिए तथा इसकी पंजीयन प्रक्रिया बताइए।
  90. प्रश्न- जॉब वर्कर तथा विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित इकाई के पंजीयन को बताइए।
  91. प्रश्न- कौन-कौन से व्यक्ति कम्पोजीशन लेवी का विकल्प चुन सकते हैं? इस स्कीम को अपनाने के अपात्र व्यक्ति कौन हैं?
  92. प्रश्न- कम्पोजीशन लेवी का विकल्प कौन चुन सकता है?
  93. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम के अपात्र व्यक्ति बताइये।
  94. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम हेतु शर्तें तथा प्रतिबन्ध बताइये। शर्तों के अतिलंघन के सम्बन्ध में दण्ड के क्या प्रावधान हैं?
  95. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम की शर्तों के उल्लंघन की दशा में दण्ड का प्रावधान बताइए।
  96. प्रश्न- वे कौन से व्यक्ति हैं जो पंजीयन हेतु दायी नहीं होते हैं?
  97. प्रश्न- आकस्मिक कराधेय व्यक्ति तथा अनिवासी कराधेय व्यक्ति में अन्तर बताइये।
  98. प्रश्न- टिप्पणी लिखिये- (a) पंजीयन प्रमाणपत्र की वैधानिकता, (b) पंजीयन हेतु वाँछनीय सूचनाएँ, (c) पंजीयन आवेदनपत्र पर हस्ताक्षरी, (d) अग्रिम कर जमा करना।
  99. प्रश्न- पंजीयन प्रमाणपत्र का निरस्तीकरण समझाइए।
  100. प्रश्न- 'पंजीकरण के निरस्तीकरण का खण्डन' बताइये।
  101. प्रश्न- समझाइये कि 'कम्पोजीशन लेवी एक विकल्प मात्र है।
  102. प्रश्न- कम्पोजीशन लेवी के तहत कर की दरें बताइये।
  103. प्रश्न- कर बीजक से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय सामग्री, समय तथा जारी करने की पद्धति को स्पष्ट कीजिए।
  104. प्रश्न- कर बीजक को जारी करने के समय के बारे में बताइए।
  105. प्रश्न- कर बीजक को जारी करने की रीति समझाइये।
  106. प्रश्न- कर बीजक की विषय-सामग्री क्या होती है?
  107. प्रश्न- निम्नलिखित को समझाइए- (a) संशोधित कर बीजक (b) समेकित कर बीजक, (c) प्राप्ति प्रमाणक का निर्गमन, (d) रिफण्ड या वापसी बाउचर का निर्गमन, (e) प्रतिलोभी प्रभार के तहत बीजक, तथा भुगतान वाउचर।
  108. प्रश्न- समेकित कर बीजक क्या होता है? आपूर्ति का बिल कब निर्गमित किया जाता है? इसमें दी जाने वाली सूचनाएँ बताइए।
  109. प्रश्न- प्राप्ति प्रमाणक क्या होता है? इसकी विषय-वस्तु बताइए।
  110. प्रश्न- रिफण्ड वाउचर के निर्गमन को समझाइए।
  111. प्रश्न- प्रतिलोमी प्रभार के तहत बीजक के बारे में क्या प्रावधान हैं? भुगतान प्रमाणक के बारे में भी समझाइए।
  112. प्रश्न- विशेष मामलों में कर बीजक को समझाइये।
  113. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए-
  114. प्रश्न- क्रेडिट तथा डेबिट नोट को समझाइए।
  115. प्रश्न- ई-वे बिल क्या है? इसकी विशेषताएँ तथा आवश्यकता को समझाइए।
  116. प्रश्न- माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत अंकेक्षण के बारे में बताइए तथा निम्नलिखित को समझाइए- (a) चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट अथवा कॉस्ट एकाउण्टेन्ट द्वारा अंकेक्षण, (b) कर प्राधिकारियों द्वारा अंकेक्षण, तथा (c) विशेष अंकेक्षण।
  117. प्रश्न- माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत अंकेक्षण के प्रकार बताइए। चार्टर्ड एकाउण्टेन्ट
  118. प्रश्न- कर प्रधिकारियों द्वारा अंकेक्षण को समझाइए।
  119. प्रश्न- विशेष अंकेक्षण को समझाइए।
  120. प्रश्न- कर निर्धारण से आप क्या समझते है? इसमें क्या-क्या शामिल रहता है? वर्णन कीजिए।
  121. प्रश्न- अस्थायी कर निर्धारण को समझाइए।
  122. प्रश्न- सारांश निर्धारण क्या है?
  123. प्रश्न- सर्वोत्तम निर्णय कर निर्धारण को समझाइए।
  124. प्रश्न- HSN कोड का वर्णन कीजिए।
  125. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक से आप क्या समझते हैं?
  126. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक की भूमिका बताइए।
  127. प्रश्न- माल तथा सेवा कर पहचान संख्या की संरचना बताइए।
  128. प्रश्न- माल तथा सेवा कर में सेवा लेखांकन कोड (SAC) को बताइये।

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